कादियां
श्री कौशल नंदन रामलीला कमेटी की ओर से नगर कौंसल के मैदान में किए जा रहे रामलीला मंचन की 7वीं संध्या में कलाकारों ने भरत मिलाप प्रसंग का मंचन किया। इसमें भरत और शत्रुघन को अपने ननिहाल से वापिस अयोध्या आकर जब पता चलता है कि श्री रामचंद्र को 14 वर्ष का वनवास होने पर श्री रामचंद्र, सीता और लक्ष्मण के वनवास जाने के वियोग में उनके पिता राजा दशथ की मृत्यु हो गई तो भरत राजतिलक को अस्वीकार करता है और मां कैकेयी, सुमित्रा, कौशल्या,गुरु वशिष्ठ सहित भरत तथा शत्रुघ्न वनों में जाकर अपने भाई श्रीरामचंद्र, सीता और लक्ष्मण को अपने साथ वापस अयोध्या लेकर आने की कोशिश करते हैं परन्तु श्री रामचंद्र अपने पिता जी के आदेशों की आज्ञा का पालन करना बताकर 14 वर्ष वनवास के तुरंत बाद ही वापस अयोध्या लौटने का भरत को विश्वास देते हैं जिस पर भरत और शत्रुघ्न 14 वर्ष तक उनका वापिस लौटने का इंतजार करने की बात कहकर वापिस अयोध्या की ओर प्रस्थान कर जाते हैं।