कादियां 25 मई (संवाद सहयोगी): पाकिस्तानी युवतियों में भारत विवाह करने का रूझान बेशक बढ़ा है। परन्तु भारत दवारा निर्धारित की गई वीजा जटिलताओं के चलते भारत विवाह करने की इच्छुक युवतियों को वीजा नहीं दिया जा रहा है। पाकिस्तान के शहर कराची की रहने वाली सारा ख़ानम पुत्री अजमत खां का विवाह समीर $खां वासी कोलकता के साथ होना तय हुआ है। समीर खां पुत्र अहमद कमाल $खां यूसफ•ाई वासी 31-ए झावतला रोड कोलकता ने इस पत्रकार के साथ संर्पक करते हुये अपनी मंगेतर सारा $खानम को भारत का वीजा दिलवाये जाने की गुहार लगाई है। उन्होंने बताया कि उनकी मंगेतर तथा उसके परिवार वालों ने दो बार भारत आने के लिये वीजा आवेदन किया। उन को स्थानीय संबंधित विभाग तथा पुलिस प्रशासन दवारा कलीन चिट तक दे दी गई। परन्तु इस के बावजूद उनकी होने वाली मंगेतर को भारत का वी•ाा नहीं दिया गया। समीर $खां का कहना है कि दो देशों के नागरिकों के मध्य होने वाले विवाहों को लेकर वी•ाा पालिसी नर्म होनी चाहिये। भारतीय नागरिक को पाकिस्तान से अपने रिश्तेदारों को भारत आने के लिये स्पांसरशिप देने के लिये भारतीय नागरिक की तस्दीक ग•ाटिड आफिसर से करवाने के साथ तस्दीक करने वाले अधिकारी का सरकारी शिनाख्ती कार्ड भी वीजा फाईल के साथ लगाना अनिवार्य है। गैजिटेड आफिसर भारतीय नागरिक की तस्दीक को हिचकचाहट में कर देगा पर अपना सरकारी शिना$खती कार्ड नहीं देगा। समीर $खां का कहना है कि हालांकि नोटरी पब्लिक से तस्दीक करवाने को मान्यता देनी चाहिये। पर ऐसा कुछ नहीं है। पाक्सितान में स्थित भारतीय दूतावास बिना सरकारी अधिकारी के शिना$खती कार्ड के वीजा आवेदन लेने से मना कर देते है। हालांकि समीर $खां ने अपनी मंगेतर तथा उसके परिवार के लिये सरकारी गैजिटैड आफिसर से तस्दीक करवा कर दो बार भारतीय वीजा के लिये आवेदन किया। परन्तु इस के बावजूद उन्हें भारत का वीज़ा देने से मना कर दिया गया। अब पुन: उनकी मंगेतर सारा $खानम अपने भारतीय वीजा के लिये आवेदन करने वाली हैं। उन्होंने भारत के प्रधान मंत्री नरिन्द्र मोदी तथा विदेश मंत्री एस जयशंकर से मांग की है कि वह भारत की होने वाली बहू है। उन्होंने अपना घर बसाना है। इस बार उन्हें भारत आने का वीजा दिया जाये। उन्होंने बताया कि वह अपने होने वाले मंगेतर समीर $खां से दो बार अपने माता पिता तथा परिवार के साथ थाईलैंड जाकर मिल चुकी हैं। वह चाहती हैं कि वह जल्दी से जल्दी अपना घर भारत में बसा लें। इन दोनों की मंगनी हो चुकी है। पर वीजा पांबदियो के चलते दुल्हन अपने पति के पास आ नहीं पा रही है। यह बात उल्लेखनीय है कि कादियां के वासी चौधरी मकबूल अहमद जिनका विवाह फैसलाबाद की रहने वाली ताहिरा मकबूल से 2003 में हुआ था। तथा अन्र्तराष्ट्रीय मीडिया में इनका विवाह सु$िर्खयों में रहा था। उसके पश्चात अनेक पाकिस्तानी दुल्हनें इन से संर्पक करके वीजा के लिये मदद मांगती रहती हैं। जिनकी मदद से अभी तक दर्जन से भी अधिक पाकिस्तानी विवाहतायेँ भारत का वीजा प्राप्त करके अपना घर हंसी $खुशी बसा रही हैं। गुजरावाला की रहने वाली शाहनिल तथा बटाला के अडवोकेट नमन लूथरा को भी मकबूल अहमद का सहयोग प्राप्त रहा तथा बीती 12 मई को यह जोड़ा शादी के बंधन मेें बंध गया। इस संबंध में मकबूल अहमद का कहना है कि वह पाकिस्तानी दुल्हनों को हो रही वीजा परेशानियों से प्रधान मंत्री नरिन्द्र मोदी, एस जयशंकर विदेश मंत्री भारत सरकार को पत्र दवारा अवगत करवायेंगे ताकि इन्हें वीज़ा में होने वाली देरी से निजात मिल सके।
फोटो: 1) सारा $खानम मंगनी के जोड़े में
2) थाईलैंड में अपने मंगेतर समीर $खां के साथ