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आम आदमी पार्टी की महिला विंग की स्टेट ज्वाइंट सेक्रेटरी बबिता खोसला ने महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सम्बन्धी किया जागरूक

कादियां:  आम आदमी पार्टी की महिला विंग की स्टेट ज्वाइंट सेक्रेटरी बबिता खोसला ने आज महिलाओं के सशक्तिकरण तथा जीवन में उनके स्तर को ऊंचा उठाने हेतु जहां विशेष संदेश दिया वहीं अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के इतिहास पर भी रोशनी डाली  । इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि महिलाएं समाज का एक अहम हिस्सा हैं लेकिन वक्त के साथ महिलाएं समाज और राष्ट्र के निर्माण का एक अहम हिस्सा बन चुकी हैं। घर-परिवार से सीमित रहने वाली महिलाएं जब चारदीवारी से बाहर निकल अन्य क्षेत्रों की ओर बढ़ी तो उन्हें अभूतपूर्व सफलता मिलने लगी। खेल जगत से लेकर मनोरंजन तक, और राजनीति से लेकर सैन्य व रक्षा मंत्रालय तक में महिलाएं न केवल शामिल हैं बल्कि बड़ी भूमिकाओं में हैं। महिलाओं की इसी भागीदारी को बढ़ाने और अपने अधिकारों से अनजान महिलाओं को जागरूक करने व उनके जीवन में सुधार करने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।  उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को दुनिया के तमाम देशों में महिला दिवस के मौके पर कार्यक्रमों का आयोजन होता है। उन्होंने  अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के इतिहास के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अमेरिका में 1908 में एक मजदूर आंदोलन हुआ था, जिसमें बड़ी संख्या में कामकाजी महिलाएं शामिल हुई थीं। करीब 15 हजार महिलाओं ने न्यूयॉर्क की सड़कों पर मार्च करते हुए अपने अधिकारों को लेकर आवाज उठाई थी। कामकाजी महिलाओं की मांग थी कि उनकी नौकरी के घंटे कम किए जाएं और वेतनमान भी बढ़ाया जाए। महिलाओं ने मतदान का अधिकार देने की भी मांग की। अपने अधिकारों को लेकर इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं की बुलंद आवाज  तत्कालीन सरकार के कानों में पड़ी तो आंदोलन के एक साल बाद 1909 में अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने महिला दिवस मनाने की घोषणा कर दी।अमेरिका में महिलाओं ने 8 मार्च को अपने अधिकारों को लेकर मार्च निकाला था। जिसके बाद अगले साल सोशलिस्ट पार्टी ने इसी दिन महिला दिवस मनाने की घोषणा कर दी। वहीं 1917 में पहले विश्व युद्ध के दौरान रूस की महिलाओं ने ब्रेड और पीस के लिए हड़ताल शुरू की थी। उन्होंने भी युद्ध को लेकर अपनी मांग और विचार रखें। इसके बाद सम्राट निकोलस ने अपना पद त्याग दिया और महिलाओं को मतदान का अधिकार मिला। उनको मिले अधिकार को देखते हुए यूरोप में भी महिलाओं ने कुछ दिन बाद 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स का समर्थन करते हुए रैलियां निकाली। इसी वजह से 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हो गई। बाद में 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मान्यता दे दी। उन्होंने बताया कि जिसके चलते प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है।

munira salam
munira salam
Editor-in-chief at Salam News Punjab
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