श्री कौशल नंदन रामलीला कमेटी की ओर से नगर कौंसल के मैदान में किए जा रहे रामलीला मंचन की 14वीं संध्या में कलाकारों ने रावण-अंगद संवाद व कुंभकरण को जगाने के प्रसंग का मंचन किया।इसमें सुग्रीव के कहने पर रावण को समझाने के लिए अंगद को दूत बनाकर लंका में भेजा जाता है, तत्पश्चात अंगद रावण के मुख पेश होता है। रावण अंगद की बातों को अनसुना कर क्रोध में जाता है। अंगद रावण का अभिमान तोडऩे के लिए अपनी शक्ति का नमूना दिखाता है तथा भरी सभा में अपना पांव जमा लेते है, जिसे रावण का कोई वीर पांव को हिला तक नहीं पाता। इसके साथ ही राम से युद्ध के लिए रावण ने सैनिकों से कुंभकरण को ढोल नगाड़े बजाकर नींद से जगाया।उनको मदिरा मांस मिष्ठान्न खिलाते है, फिर उनको पूरी कथा समझाते है।
कादियां रामलीला मंचन की 14वीं संध्या में रावण की भरी सभा में अंगद ने जमाया पैर, कुंभकरण को ढोल नगाड़े बजाकर नींद से जगाया
श्री कौशल नंदन रामलीला कमेटी की ओर से नगर कौंसल के मैदान में किए जा रहे रामलीला मंचन की 14वीं संध्या में कलाकारों ने रावण-अंगद संवाद व कुंभकरण को जगाने के प्रसंग का मंचन किया।इसमें सुग्रीव के कहने पर रावण को समझाने के लिए अंगद को दूत बनाकर लंका में भेजा जाता है, तत्पश्चात अंगद रावण के मुख पेश होता है। रावण अंगद की बातों को अनसुना कर क्रोध में जाता है। अंगद रावण का अभिमान तोडऩे के लिए अपनी शक्ति का नमूना दिखाता है तथा भरी सभा में अपना पांव जमा लेते है, जिसे रावण का कोई वीर पांव को हिला तक नहीं पाता। इसके साथ ही राम से युद्ध के लिए रावण ने सैनिकों से कुंभकरण को ढोल नगाड़े बजाकर नींद से जगाया।उनको मदिरा मांस मिष्ठान्न खिलाते है, फिर उनको पूरी कथा समझाते है।