कपूरथला( अशोक )जम्मू और कश्मीर में दो सिख लड़कियों का अपहरण करके जबरन उनका बूढ़ो से निकाह और इस्लामी धर्मांतरण करने की जोरदार सब्दो में निंदा करते हुए बजरंग दल पंजाब प्रदेश के पूर्व अधक्ष्य एवं विश्व हिन्दू परिषद जालंधर विभाग के अधक्ष्य नरेश पंडित ने लव जिहाद से पीड़ित कन्याओं के द्वारा आत्महत्या,उनकी जिहादियों द्वारा निर्मम हत्या एवं दुर्दशा की बढ़ती हुई घटनाओं पर चिंता व आक्रोश व्यक्त करते हुए इस हेतु अविलंब कानून बनाने की मांग की है।नरेश पंडित ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पिछले दिनों में तो इन घटनाओं की झड़ी सी लग गई है।नरेश पंडित ने कश्मीर में दो सिख लड़कियों का कथित अपहरण करके उनका मतांतरण कर निकाह करने के मामले पर गहरी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की है।उन्होंने कहा कि यह घटना बेहद दुखदायी है।इसके खिलाफ हिन्दू सिखो को एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए।नरेश पंडित ने कहा कि केरल से लेकर जम्मू कश्मीर और लद्दाख तक इन षड्यंत्रकारियों का एक जाल बिछा हुआ है।गैर मुस्लिम लड़कियों को योजनाबद्ध तरीके से जबरन या धोखे से अपने जाल में फंसा लेना किसी सभ्य समाज का चिंतन नहीं हो सकता।यह केवल जनसंख्या बढ़ाने का भोंडा तरीका ही नहीं,अपितु आतंकवाद का एक प्रकार भी है।केरल उच्च न्यायालय ने इसे धर्मांतरण का सबसे घिनौना तरीका बता कर ही इसे लव जिहाद नाम दिया था।जिहादियों के जाल में फंसने के बाद इन लड़कियों का न केवल जबरन धर्मांतरण होता है अपितु नारकीय जिंदगी जीने पर मजबूर किया जाता है।वेश्यावृत्ति करवाने और उन्हें बेच देने की घटनाओं के अलावा पूरे परिवार के पुरुषों व मित्रों द्वारा जबरन यौन शोषण की घटनाएं भी समाचार पत्रों में आती ही रहती हैं।जब इन अमानवीय यातनाओं की अति हो जाती है तो ये लड़कियां आत्महत्या के लिए विवश हो जाती हैं परंतु पुलिस में शिकायत करने का अवसर बहुत कम लड़कियों को मिल पाता है।एक न्यायालय ने तो अपनी टिप्पणी में पूछा भी था कि लव जेहाद की शिकार लड़कियां गायब क्यों हो जाती है।लव जिहाद से संपूर्ण मानवता त्रस्त है।कहीं इसे रोमियो जेहाद तो कहीं इसे पाकिस्तानी सेक्स गैंग के नाम से संबोधित किया जाता है।मुस्लिम देशों में तो गैर मुस्लिम महिलाओं को यौन दासी माना ही जाता है बाकी देशों में भी इन्हें माले-गनीमत समझ कर अपनी कामुकता का शिकार बनाने की कोशिश की जाती है।अब विश्व के कई देश इससे त्रस्त होकर आवाज उठाने लगे हैं।म्यानमार की घटनाओं के मूल में भी लव जिहाद ही है।लव जिहाद की फंडिंग के समाचार सामने आ रहे हैं।पीएफई सिमी,आइएसआइ जैसी संस्थाएं इनके पीछे हैं।इसीलिए कहीं भी मामला बढ़ने पर बड़े वकील तुरंत इनकी पैरवी के लिए खड़े हो जाते हैं जिनको लाखों–करोड़ों रुपए फीस के रूप में दिए जाते हैं।पत्रकारों से बातचीत में नरेश पंडित ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष और अकाली दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनजिंदर सिंह सिरसा द्वारा अपना विरोध दर्ज करवाना और लगातार यह माँग करना कि जम्मू और कश्मीर में इस प्रकार के धर्मांतरण और निकाह को रोकने के लिए सख्त कानून बनाया जाए।उनकी यह माँग बिल्कुल जायज है लेकिन सिरसा ने ही लव जिहाद पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा कानून बनाए जाने पर हिन्दू धर्म को यह कहते हुए एक कमजोर धर्म कहा था कि अगर किसी धर्म को अपनी रक्षा करने के लिए कानून की जरूरत पड़े तो वह धर्म पाप है।नरेश पंडित ने कहा कि मनजिंदर सिंह सिरसा ने ट्वीट करके गृह मंत्री अमित शाह से माँग की कि जम्मू और कश्मीर में सिख नाबालिग लड़कियों के जबरन निकाह को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की तरह कानून लागू किया जाए जिसके तहत अंतरधार्मिक विवाह के लिए अभिभावक की मंजूरी आवश्यक हो।कुछ महीनों पहले मनजिंदर सिंह सिरसा ने धर्म परिवर्तन पर भाजपा शासित राज्यों में बनाए गए कानूनों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि किसी का धर्म इतना कमजोर क्यों है कि उसे बचाने के लिए कानून का सहारा लेना पड़े।नरेश पंडित ने पत्रकारों को एक वीडियो दिखाते हुए कहा कि इस में सिरसा कह रहे हैं,अक्सर यह बात कही जाती है कि धर्म परिवर्तन करने पर मुकदमा दर्ज होगा लेकिन किसी का धर्म इतना कमजोर क्यों हो कि उसे बचाने के लिए कानून का सहारा लेना पड़े।ऐसा धर्म है ही क्यों? ऐसा धर्म होना ही पाप है।इसका मतलब यह हुआ कि उस धर्म में कमियाँ हैं,उन कमियों को निकालो। धर्म के संचालन करने वालों में जो कमियाँ हैं उनको निकालो।सिरसा ने सिखों के गुरु,गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादों का उदाहरण देते हुए कहा कि उनको लालच दिया गया,डराया गया लेकिन उन्होंने अपना धर्म नहीं छोड़ा लेकिन अगर किसी का धर्म इतना कमजोर है कि उसे पुलिस का सहारा लेना पड़ रहा है तो यह अच्छी बात नहीं है।